> सोनिया गाँधी के अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद ने सांप्रदायिक हिंसा
> विधेयक का टाडा से भी खतरनाक कानून का मसौदा तैयार कर लिया है, जिसका नाम
> सांप्रदायिक एवं लक्ष्य केंद्रित हिंसा निवारण (न्याय प्राप्ति एवं
> क्षतिपूर्ति) विधेयक २०११ है, जिसने निम्न बिंदु है :
>
> १. बहुसंख्यक [हिंदू] हत्यारे, हिंसक और दंगाई प्रवृति के होते है ।
>
> २. दंगो और सांप्रदायिक हिंसा के दौरान यौन अपराधों को तभी दंडनीय मानने की
> बात कही गई है । अगर वह अल्पसंख्यक समुदाय के व्यक्तियों के साथ हो, यानि अगर
> किसी हिंदू महिला के साथ दंगे के दौरान कोई मुस्लमान बलात्कार करता है तो ये
> दंडनीय नहीं होगा ।
>
> [सोनिया जी क्या आप हर हिंदू महिला को अपनी बेटी प्रियंका गाँधी की तरह SPG
> सुरक्षादेंगी ?]
>
> ३. यदि दंगे में कोई अल्पसंख्यक [मुस्लमान] घृणा और वैमनस्य फैलता है तो वे
> कोई अपराध नहीं माना जायेगा, किन्तु अगर कोई बहुसंख्यक [हिंदू] घृणा और
> वैमनस्य फैलता है तो उसे कठोर सजा दी जायेगी ।
>
> ४. इस बिल में केवल अल्पसंख्यक समूहों की रक्षा की ही बात की गई है
> सांप्रदायिक हिंसा के मामले में यह बिल बहुसंख्यकों की सुरक्षा के प्रति मौन
> है । इसका अर्थ साफ है कि बिल का मसौदा बनाने वाली एनएसी की टीम भी यह मानती
> है कि दंगों और सांप्रदायिक हिंसा में सुरक्षा की जरुरत केवल अल्पसंख्यक
> समूहों को ही है ।
> [मतलब साफ है की कांग्रेस पार्टी को हिंदू वोट की कोई जरुरत नहीं है ।]
>
> ५. इस काले कानून के तहत सिर्फ और सिर्फ हिंदूओ के ही खिलाफ मुकदमा चलाया जा
> सकता है । कोई भी अप्ल्संख्यक [मुस्लमान और ईसाई] किस काले कानून के दायरे से
> बाहर होंगे ।
>
> ६. दंगो की समस्त जबाबदारी हिंदूओ की ही होगी क्योंकि हिंदूओ की प्रवृति हमेशा
> से दंगे भडकाने की होती है । और हिंदू आक्रामक प्रवृति के होते है ।
>
> ७. अगर किसी भी राज्य में दंगा भडकता है और मुसलमानों को कोई नुकसान होता है
> तो केंद्र सरकार उस राज्य के सरकार को तुरंत बर्खास्त कर सकती है ।
>
> [सोनिया के आँख में गुजरात की मोदी सरकार और कर्णाटक की यदुरप्पा सरकार जिस
> तरह से चुभ रही है उसे देखते हुए यही लगता है की अब बीजेपी की सरकारों को
> बर्खास्त करने के लिए सोनिया को किसी पालतू राज्यपाल की जरुरत नहीं पड़ेगी । बस
> भाड़े के गुंडों से दंगो करवाओ और बीजेपी सरकारों को बर्खास्त करो ।]
> ८. दंगो के दौरान होने वाले किसी भी तरह के जान और माल के नुकसान पर मुवावजे
> के हक़दार सिर्फ अल्पसंख्यक ही होंगे । कोई भी हिंदू दंगे में होने वाले किसी
> भी तरह के नुकसान पर मुवावजा का हक़दार नहीं होगा ।
>
> मित्रों यह विधेयक बन कर तैयार है । अब तक सिर्फ बीजेपी ने ही इसका बिरोध किया
> है । बाकि सभी पार्टिया खामोश है, क्योंकि सबको सिर्फ मुस्लिम वोट बैंक की ही
> चिंता है ।
>
> मित्रों ऐसा काला कानून औरंगजेब और अंग्रेजो के भी ज़माने में नहीं था । और तो
> और सउदी अरब जैसे देश जहा पर शरिया कानून है उस देश में भी कानून की परिभाषा
> में सिर्फ "अभियुक्त" और वादी और प्रतिवादी ही होते है वहा का कानून भी
> मुसलमानों को कोई विशेषाधिकार नहीं देता ।
>
>
> अब जानिए कौन कौन "काबिल" लोग इस कानून के बंनाने में शामिल है
>
> सैयद शहबुदीन,
>
> हर्ष मंदर,
>
> अनु आगा,
>
> माजा दारूवाला ,फरह नकवी
>
> अबुसलेह शरिफ्फ़
>
> असगर अली इंजिनियर
>
> नाजमी वजीरी
>
> पी आई जोसे
>
> तीस्ता जावेद सेतलवाड
>
> एच .एस फुल्का
>
> जॉन दयाल
>
> जस्टिस होस्बेट सुरेश
>
> कमल फारुखी
>
> मंज़ूर आलम
>
> मौलाना निअज़ फारुखी
>
> राम पुनियानी
>
> रूपरेखा वर्मा
>
> समर सिंह
>
> सौमया उमा
>
> शबनम हाश्मी
>
> सिस्टर मारी स्कारिया
>
> सुखदो थोरात
>
> सैयद शहाबुद्दीन
>
> क्या हिंदूओ अब भी तुम किसी चमत्कार की उम्मीद करोगे या शिवाजी की की राह पर
> चलने तैयार हो
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