Friday, March 14, 2014

ईमानदारी की ताकत (Strength of honesty)


ईमानदारी की ताकत (Strength of honesty)

 

प्राचीन बड़ौदा राज्य में मेहसाना के जिला जज थे- ए.आर.शिंदे। वह अत्यंत ईमानदार और स्पष्टवादी थे। बड़ौदा के महाराज सयाजीराव के हृदय में श्री शिंदे के प्रति गहरी श्रद्धा थी। महाराज जब-जब विदेश जाते, अपने निजी सहायक के रूप में श्री शिंदे को साथ ले जाते थे। एक बार फ्रांस यात्रा के दौरान महाराज ने शिंदे की सलाह पर पैरिस के एक बड़े जौहरी की दुकान से अत्यंत कीमती रत्न खरीदे। अगले दिन दुकानदार का एक प्रतिनिधि शिंदे के पास आया और उसने पूछा, 'सर, आपका कमिशन चेक से दिया जाए या नकद भुगतान से।'

शिंदे प्रतिनिधि की बात सुनकर हैरानी से बोले, 'किस बात का कमिशन?' प्रतिनिधि बोला, ' सर्राफा की दुकानों में यह चलन है कि अच्छे ग्राहक लाने वाले व्यक्ति को कमिशन दिया जाता है।' शिंदे बोले, 'आपके यहां जो भी चलन हो पर मैं सरकारी कर्मचारी हूं और यह नहीं ले सकता।' इस पर प्रतिनिधि बोला, ' यह तो हमारी दुकान की परिपाटी है। मैं यह बात आपके महाराज के समक्ष भी स्पष्ट कर सकता हूं।'

शिंदे बोले, 'आप कमिशन काट कर के अपना बिल बना दीजिए। इस कमिशन पर ग्राहक का हक होना चाहिए न कि उस व्यक्ति का, जो दुकान में ग्राहक लेकर आए।' शिंदे के आगे प्रतिनिधि की एक न चली। उसने कमिशन काट कर बिल बना दिया और बोला, 'सर, आपकी ईमानदारी की सूचना महाराज तक अवश्य जानी चाहिए।' शिंदे बोले, 'ईमानदारी मनुष्य का धर्म है। धर्म प्रचार की वस्तु नहीं है। इसलिए इस बात का जिक्र किसी से न करें। इस बात को यहीं दबा दें।' इस पर प्रतिनिधि ने कहा, 'धन्य है भारत और धन्य हैं आप।'



 

 

 

 

    ------------------------------------------  Surya Global Steel Tubes Ltd, Anjar, India    

No comments: